कोरोना की परिस्थिति में गुलाटी आंटी जी का जज़्बा
इस समय जब लोग कोरोना जैसी महामारी की वजह से परेशान हो रहे है । वही इंदिरा गुलाटी जी जिन्हें हम सब आंटी जी कह कर संबोधित करते है ।
जिनकी वजह से मंज़िल की नींव रखी गई और जो एक प्री-प्राइमरी स्कूल की संचालिका भी है, व् बड़े ही शांत चित्त से हर एक कार्य को पूर्ण करती है । आईए आपको बताते है कि कैसे उन्होंने इस परिस्थिति का सामना किया, आज वह सभी बाते हमसे यहाँ साझा कर रही है ।
“हर समय पढ़ाने की धुन में लगी रहने वाली 85 वर्ष की महिला को यदि एक घर में बंद कर दिया जाये तो वह कई और तरीके सोचेगी ख़ुद को घर में व्यस्त रखने के लिए ।
“हर समय पढ़ाने की धुन में लगी रहने वाली 85 वर्ष की महिला को यदि एक घर में बंद कर दिया जाये तो वह कई और तरीके सोचेगी ख़ुद को घर में व्यस्त रखने के लिए ।
इंदु जो मेरी म्यूजिक की टीचर है, जो राज घाट में रहती है । मैं उनसे फोन पर म्यूजिक सीख रही हूँ व् साथ-साथ घर बैठे सितार का भी अभ्यास करती रहती हूँ । फ़िल्में देखना मुझे बेहद पसंद है उसमे मन लगाती हूँ । मेरी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आये है पर मैं प्रभु की कृपया से मैंने हमेशा सकारात्मक ही सोचा है । जिससे मेरा मनोबल किसी भी परिस्थिति में डांवा डोल नही हुआ । प्रभु की कृपया मुफ्त में विशेष है, और विश्वास भी है प्रत्येक स्थिति में स्थिर रहने का प्रयत्न करना खुश रहना।”
हम आंटी जी के इस जज़्बे को सलाम करते है और आशा करते है कि उनसे हम सब को ऐसे ही प्रेणना मिलती रहेगी ।
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