मंजिल एक ऐसा स्थान है जहाँ कई लोगो ने अपनी ज़िन्दगी कि
मंजिलों को पाया है। उसी मंजिल को पाने कि दौड़ में था हमारा मंजिल का आर्ट एंड क्राफ्ट
ग्रुप जिसको उन्होंने पाया खुदही कि मेहनत से। जेसा कि हमने दिसम्बर के प्रकाशन मे
मंजिल के उभरते टैलेंट क्राफ्टकारी के बारे मे बताया था के ये ग्रुप अपनी प्रतिभा कों
कुछ दस्तस्कार कागज के ज़रिये दुनिया कों दिखा रहा है।
निस्संदेह ये सफर इतना आसन नहीं जितना लगता है पर अपनी
मंजिल कि ओर बड़ते हुए हाल ही मे क्राफ्टकारी
के हाथों को कुछ लोगों ने थामा, जिसके बारे मे क्राफ्टकारी
परिवार की एक सदस्या गुँजन कश्यप ने हमारे
साथ उनके साथ बीता अनुभव साँझा किया।
मंजिल में मैं आर्ट एंड क्राफ्ट सीख रही हुँ और साथ ही
साथ ‘क्राफ्टकारी’ में काम कर रही हुँ।
अब मै आप को कुछ बताना चाहती हूँ मंजिल संस्था से दो नये लोग जुड़े हैें और मंजिल संस्था
की सहायता कर रहें हैं। उनका नाम है ‘‘मेहताब भईया’’ और ‘रसील दीदी’ ‘मेहताब भईया और रसील दीदी’ क्राफ्टकारी के सामान को ओन.लाईन बेचने मे हमारी सहायता कर रहे
है। सबसे पहले दोनो ने ‘क्राफ्टकारी’ की वेबसाइट बनाई है और आन-लाइन हमारे लिए नए द्वार बनाए वस्तुऐ
बेचने के लिये। इसमे इन दोनों का बहुत बड़ा योगदान है। ‘क्राफ्टकारी’ से जुड़ी सारी जानकारी
इख्खटा कर इन्होंने हमारी सरल दुनिया को और
भी खुबसूरत बना दिया है। मेहताब भईया बहुत ही खुश मिज़ाज़ ईसान है,खुले दिल के है। सबसे अच्छी बात तो यह है की उन्हे कुछ भी काम
दो कभी मना नही करते है। हर काम कों अपना समझकर ही नही बल्कि अपनी जिम्मेदारी समझकर
करते है। दिल से लग्न से काम करते है और ‘मेहताब भईया’ से कुछ भी पूछ लो हर सवाल का जवाब होता है जो उनकी बुद्धिमता
को दर्शाता है । मेहताब भईया अपना काम करते है इसके अलावा वह क्राफ्टकारी की मीटिंग
मे समय निेकाल कर आते है और ‘क्राफ्टकारी’ से जुड़ी सारी जानकारी देते है और रखते भी है । ‘मेहताब भईया’ को कभी भी कुछ गलत
बात या गलत काम ये सब पसंद नही है वह कभी कुछ गलत बर्दाश नही करते है।
‘मेहताब भईया’ ‘फोटोग्राफी’ में भी उत्तीर्ण है। उन्होने न सिर्फ ‘क्राफ्टकारी’ की वेबसाइट बनाई उन्होंने
‘क्राफ्टकारी’ का फोटोशूट भी किया
। फोटोशूट के लिये हमे पेशेवर स्टूडियो चाहिए था उसका बंदोबस्त भी ‘मेहताब भईया’ ने किया और हमारे
लिये अपने घर के रास्ते खोले ।अपने घर पर सबको बुलाकर सारा बंदोबस्त अच्छे से किया और
साथ ही साथ मिलके सबसे बहुत अच्छे से बातचीत की । हम सबसे अच्छे से पेश आये हमें लगा ही नही कि हम सब पहली बार मिले हैं।
जहाँ एक हाथ थामे मेहताब भईया’ हमारी बहुत मदद कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं वहीं हमारे दुसरे हाथ को थामा ‘रसील दीदी’ ने ।ख़ुद कि वियस्त ज़िन्दगी और नौकरी से समय निकाल कर रसील
दीदी भी ‘क्राफ्टकारी’ कि वेबसाइट मे हमारी
बहुत सहायता कर रही है । रसील दीदी के साथ समय बिता कर मैं कह सकती हूँ के रसील दीदी
बहुत ही स्वीट है और बहुत बुद्धिमान भी हैं। अपने काम के साथ-साथ वह ‘क्राफ्टकारी’ का हर काम अपनी जिम्मेदारी
समझ कर रही हैं और समय निकाल कर ‘क्राफ्टकारी’ की मीटिंग मे शामिल होती है। रसील दीदी की एक अच्छी बात है कि
वह मीटिंग में शामिल होकर अपने काम से चर्चित सारी बातें नोट करती है और काम से चर्चित
सारी बात पूछँती है और जानकारी लेती है और देती भी है। उनके पास हमेशा काम से जुड़ी
हर चीज का रिेकार्ड होता है ताकि कहीं कुछ कठिनाई आए तो वह समय पर उन रिकोर्ड के ज़रिये
उन कठिनाईयों का हल आसानी से निकल सके । ‘रसील दीदी’ को कुछ भी काम कहो वह कभी मना नही करती हमेशा हर काम के लिए अपने
आपको तैयार रखती हैं । ‘रसील दीदी’ में आत्मविश्वास है और यही वजह है कि वह क्राफ्टकारी से जुड़े
हर काम को काम समझकर नही बल्कि अपनी जिम्मेदारी समझकर करती हैं और हर काम लग्न और दिल
से करती है |
‘मेहताब भईया’ और ‘रसील दीदी’ हर काम को बहुत ही
पेशेवर रूप से करते है | हर काम को करने में ये दोनों हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा भी बन चुके हैं । दोनो अपने-अपने काम को समय पर
करते हैं और किसी की भी गलती का मौका नही देते। दोनों ही हमें हर मोड़ पर कुछ न कुछ सिखाते
रहते है और अक्सर कहते भी हैं कि कही कोई गलती
नही होनी चाहिए हर काम दिल से करो और सफाई से करो लग्न से करो तो कभी कोई गलती नही
होगी। अंत में मैं ‘रसील दीदी’ और ‘मेहताब भईया’ का क्राफ्टकारी एवं मंजिल से जुड़ने के लिये बहुत शुक्रिया देना
चाहूंगी | हमे ख़ुशी है के आप हमारे साथ जुड़े और आपकी क्राफ्टकारी एवं
मंजिल से जुड़ी हर एक कोशिश के लिये हम सब आपके आभारी है | आपका बहुत बहुत धन्यवाद |
(गुँजन कश्यप व अनुराग हूँण)
No comments:
Post a Comment