Ravi Bhaiya |
बहुत
खूब ज़िंदगी जी है आप ने
हुनर को तराशने का एक रास्ता बनाया उसका नाम मंजिल रख कर
बहुतो को मंजिल तक पहुँचाया
बहुत
खूब ज़िंदगी जी है आप ने
मैं सच कह रहा हूँ
भगवान को देखा नही हैं मैंने।
माँ, बाप, टीचर आप को भगवान मान के जी
रहा हूँ मैं
इतनी रोशनी बिखेरी
हैं आप ने
कि यहाँ देख लो किसी के चेहरे उदास नज़र नही आते
सच में हम सब आप
को दिल से बहुत चाहते|
कौन से शब्दों को पिरोके मैं करू आप की तारीफ
मुझे समझ नही आता।
शब्द भी छोटे पड़ जाते आप के सामने क्योंकि बुलंदियों पर भी जा
के
ज़मीं से जुड़ जाना
अपनी ज़िंदगी कबीर की तरह बिताना
बहुत
खूब ज़िंदगी जी है आप ने
बहुत
खूब ज़िंदगी जी है आप ने
Written By Amit, Student of Music Class, Manzil
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