Thursday, December 31, 2020

15th अगस्त सेलिब्रेशन न्यू नॉर्मल के साथ


मंज़िल में सभी इवेंट जैसे लौहरी, न्यू ईयर पार्टी, “मंज़िल गॉट टैलेंट”, “मंज़िल उत्सव”, आदि सभी स्टूडेंट, वॉलिंटियर, टीचर्स एक साथ मिलकर बड़े हर्ष और उल्लास के साथ सेलिब्रेट करते हैं और साथ ही साथ इन सभी इन्वेंट्स को आयोजित करने में भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस साल कोरोना के कारण, हम सब ऑनलाइन कक्षाओं को ज्यादा संभालने में लगे रहे जिसके फलस्वरूप ऑनलाइन कक्षाएं तो बहुत ही अच्छी चल रही हैं, लेकिन इवेंट्स को सेलिब्रेट करना थोड़ा छूट रहा था। जब 15 अगस्त आने वाला था तब हमारे एक टीम मेम्बर श्रीकांत ने सोचा कि क्यों न इसको भी हम ऑनलाइन ही सेलिब्रेट करें। तो इस बार हमने पहली बार एक ऑनलाइन इवेंट किया।

आइए जानते हैं श्रीकांत का अनुभव, “पहले हम लोग यह इवेंट को किसी ऑडिटोरियम में जाकर फिजिकली किया करते थे। इसमें सबसे अच्छा मेरा अनुभव यह रहा कि हमने न्यू नॉर्मल और कोरोना की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने इवेंट को आयोजित किया और उसी के साथ साथ नई चीजें एक्सप्लोर करते रहे। इस इवेंट में लगभग 70 से ज्यादा ऑडियंस मेंबर्स मौजूद रहे, 15 से ज्यादा परफॉर्मेंस रही और पहली बार ऑनलाइन थिएटर भी किया गया। मंज़िल में इससे पहले थिएटर कभी वर्चुअली नहीं हुआ था। काफी सारे गीत, संगीत और कविताओं के साथ साथ गुलाटी आंटी जी द्वारा की गई स्टोरी टेलिंग भी काफी प्रभावशाली रही। इस प्रकार बहुत सारे कलाकारों की कलाकारियाँ बाहर निकल कर आई व सभी चीजें बहुत अच्छे से हुई।” 

Storytelling
चूँकि पहली बार यह एक वर्चुअल इवेंट होना था तो किसी नाटक को वर्चुअल दिखाना थोडा मुश्किल था लेकिन श्रीकांत जो एक थिएटर टीचर भी है उसने अपने स्टूडेंट्स को बहुत मोटीवेट किया जिसके फलस्वरूप सभी कलाकार अच्छे से अपनी परफॉरमेंस दे पाए।
Performers

अगर बात करे लर्निंग की तो जिस तरह की लर्निंग कोरोना के टाइम से पहले होती थी जैसे इवेंट में होने वाले खर्चे के लिए बजट तैयार करना, तरह तरह के मटेरियल खरीदने के लिए मार्केटिंग करना, गेस्ट को मैनेज और खान पान की अरेंजमेंट करने के लिए हॉस्पिटैलिटी टीम, मटेरियल को स्टेज तक ले जाने और वापस लाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन टीम और इवेंट समाप्त होने पर सब कुछ पहले जैसे करने के लिए वाइंड-अप टीम को तैयार करना आदि, यह सब तो नहीं हो पाया लेकिन एक नयी तरह की लर्निंग भी मिली जैसे ऑनलाइन इवेंट में किस तरह की टीम की जरूरत होगी, उसका निर्माण करना, टेक्नोलॉजी मे कोई रुकावट न आये उसके लिए टेकनिकल टीम का होना, ज़ूम पर आए चैट को मॉडरेट करने के लिए चैट मॉडरेटर एवं परफॉरमेंस को सरलरूप से चलाने के लिए एंकर का होना। इस इवेंट का एक प्लस पॉइंट ये भी था कि बजट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि हमने ऑडिटोरियम बुक नहीं किया था इसलिए किसी प्रकार की कोई डेकोरेशन नहीं करनी पड़ी और ना ही कोई ट्रांसपोर्टेशन का खर्च उठाना पड़ा। लेकिन ये सब करने से जो लर्निंग होती है वो जरूर मिस हुई। इस ऑनलाइन इवेंट का एक और    फायदा यह रहा की समय के साथ साथ पैसों की भी बचत हुई।

अगर बात करें इसके प्रोसेस की, तो सबसे पहले 15 अगस्त के इवेंट के लिए एक परफॉर्मेंस की लिस्ट तैयार हुई और इस लिस्ट में अपने नाम मंज़िलियन ने, अपने अपने टैलेंट के मुताबिक, एक नोटिस जो की अब एक whatsapp ग्रुप है, के जरिये दिए।

कुछ मंज़िलियन ने भी हमारे साथ अपना एक्सपीरियंस शेयर किया।

A Performer
राहुल नागर, 24 वर्ष, रीज़निंग क्लास: "मैंने 15 अगस्त के इवेंट में, दो देश भक्ति गाने गाए थे। मंज़िल का यह इवेंट इस बार मेरे लिए बड़ा ही अद्भुत रहा और मैंने अपने घर में बैठकर ही परफॉर्म किया। मेरे दोनों गानों के लिए मंज़िल परिवार ने और बाहर की दुनिया ने मुझे काफी सराहा। ऑनलाइन होने की वजह से यह प्रोग्राम सिर्फ मंज़िल तक ही सीमित नहीं था। यह मंज़िल के सोशल नेटवर्क पर भी सीधा प्रसारण रहा जो मेरे लिए अद्भुत अनुभव रहा। जिसके लिए मैं मंज़िल का शुक्रगुजार हूं।"

ज्योति शिवलाल, 20 वर्ष, इंग्लिश डिस्कशन क्लास: "एक कलाकार के रूप में, मैंने अपनी कला का प्रदर्शन थिएटर के रूप में किया। मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि मंज़िल का देखने का नज़रिया बहुत ही खूबसूरत है जैसे हमारे जीवन में परिस्थितियां कितनी भी कठिन हो मगर उसमें हम लोग कुछ न कुछ सीखने की चीजें निकाल ही लेते हैं।"

Attendees
मेघा किशोर 19 वर्ष, इंग्लिश क्लास: "15 अगस्त का प्रोग्राम मुझे काफी आश्चर्यजनक लगा। क्योंकि इस बार का इवेंट हर बार की तरह से काफी अलग था जैसे कोई स्टेज की सजावट नहीं थी, कोई डेकोरेशन भी नहीं थी। और सभी दर्शकों ने अपने घरों में बैठकर, मंज़िल के प्रोग्राम का आनंद लिया जो कि ज़ूम ऐप पर दिखाया गया था। जैसे कि संगीत, थिएटर की परफॉर्मेंस और सबसे खूबसूरत इंदिरा गुलाटी आंटी जी की परफॉर्मेंस लगी। अंत में यह भी कहना चाहूंगी जब इस प्रोग्राम को शुरू किया था तो इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से शुरुआत हुई जो कि मंज़िल और भारत देश के लिए बड़े गौरव की बात है।"


विकास कुमार द्वारा लिखित (न्यूज़लैटर टीम मेम्बर)

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