Wednesday, June 30, 2021

Manzil Got Talent: An online talent show


मंज़िल संस्था विश्वास रखती है अनुभव देने के साथ-साथ, सीखने और सिखाने में। जब से हमारे जीवन में कोरोना नाम के इस नए मेहमान ने जगह बनाई है, इसनें हमें चुनौतियों के हल ढूँढने वाले नए-नए अविष्कार करना सीखा दिया है।  
मंज़िल में सभी दिन अलग-अलग क्लासेज चलती रहती हैं  और इन क्लासेज के साथ-साथ हमारे कुछ इवेंट्स भी होते रहते हैं, जैसे लोहड़ी, बर्थडे पार्टी, मंज़िल गॉट टैलेंट, मंज़िल उत्सव आदि। ये सारे इवेंट्स मंज़िल की इनिशिएटिव टीम और वालंटियर्स साथ मिलकर, ऑफ़लाइन आयोजित किया करते थे। मगर जब से हम सबकी दुनिया में कोरोना ने जगह ले ली है, हम इन इवेंट्स को ऑनलाइन आयोजित करने लगे।

इस वर्ष 26 जनवरी 2021 के दिन मंजिल गॉट टैलेंट (MGT) आयोजित करने के लिए, मैंने सबसे पहले एक नोटिस बनाया और हर एक क्लास में जाकर उस नोटिस के बारे में सभी छात्रों तक जानकारी पहुँचाई। सभी छात्रों को वह नोटिस बहुत ही आकर्षक लगा और उसी की वजह से 24 से अधिक कलाकारों ने इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया।

मैं परफॉर्मेंस के लिए इतने सारे रजिस्ट्रेशन देखकर आश्चर्यचकित था क्योंकि इतनी सारी परफॉर्मेंस, MGT में आज तक कभी नहीं हुई थी। गीत संगीत, नाटक, कहानियां, डांस आदि जैसे परफॉरमेंस शामिल थी जो अपने आप में ही सबसे अलग थी। इस तरह के अलग अलग वैरायटी के हुनर, हमें लगभग 5 साल के बाद देखने को मिले। इस आयोजन की सबसे खास बात यह थी कि इसमें सभी छात्रों ने ऑनलाइन ही परफॉर्म किया था। इन सभी प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपने हुनर से सभी दर्शकों का मन मोह लिया। 

आयोजन, ऑनलाइन होने की वजह से हमारे साथ कई दर्शक दूर दराज़ के इलाकों से भी जुड़ पाए।जैसे  हमारी को-होस्ट, शाश्वती भट्टाचार्य सीधे गुवाहाटी (आसाम) से जुड़ी थी। 

आयोजन को मनोरंजक बनाने वाली कई ख़ूबसूरत परफॉर्मेंसेस थीं जिनमें इंदिरा गुलाटी आंटी (86) की परफॉर्मेंस काफ़ी यादगार रही। आंटी जी ने ही कोटला मंज़िल स्कूल की नींव रखी थी। उन्होंने अपनी टीम के युवाओं के साथ मिलकर परफॉर्मेंस के लिए जमकर तैयारी की थी। अपनी तैयारी का प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने एक बहुत सुंदर कविता और मंजिल के नाटक में हिस्सा लिया था। दर्शकों का यह कहना था कि इंदिरा गुलाटी आंटी जी ने जो रोल अदा किया है वह किसी फिल्मी मूवी के किरदार से कम नहीं था। अपने किरदार के मुताबिक ड्रेस-अप करके उन्होंने अपने किरदार में जान डाल थी जिसकी हर किसी दर्शक ने तहे दिल से तारीफ़ की।

मंज़िल कोटला स्कूल की एक अध्यापक, उमा दी जिन्होंने MGT में पहली बार परफॉर्म किया था, अपनी खूबसूरती कविता के ज़रिए अपनी भावनाओं को दर्शकों तक पहुँचाया।

कत्थक टीचर रूबी जहाँ कत्थक करने में प्रतिभावान है, वहीं इस बार उन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ से जो समाँ बाँधा, उसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि परफॉर्मेंस के दौरान कई दर्शक उनके साथ गीत गुनगुनाते और झूमते नज़र आए।

नंदिता (20 साल) ने अलग अलग भाषाओं के कुछ खूबसूरत गानों की जो लड़ी बनाई थी, उसे सुनकर तो सभी
दर्शक झूम उठे।

कृतिका सिंह (22 साल) जिन्हें डांस परफॉर्म करना था, उनके वहां इन्टरनेट में कुछ दिक्कत आ रही थी और घर पर परफॉर्म करने के लिए जगह भी बहुत कम थी। मगर उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और अपना जज़्बा कायम रखते हुए बेहतरीन परफॉर्मेंस दी। साथ ही, बाकी लोगों का अपनी अपनी कलाओं का प्रदर्शन भी बहुत उम्दा रहा।

कार्यक्रम के बाद हमनें कई साथियों से आयोजन और इससे जुड़े उनके अनुभव के बारे में जानना चाहा। आईये सुनते हैं क्या कहना है उन सबका: 
1. शाश्वती भट्टाचार्य (23 साल): MGT की वजह से मुझे पहली बार एंकरिंग का मौका मिला जिसके लिए मैं ख़ुद को सौभाग्यशाली मानती हूँ। आयोजन से पहले, मैं थोड़ी नर्वस ज़रूर थी, मगर एंकरिंग करने के बाद मुझे ऐसा लगा मानो जैसे मैंने बहुत कुछ हासिल कर लिया हो।

2. पूजा वानी (22 साल): मंज़िल में, MGT का यह मेरा पहला अनुभव था। मुझे कई सारी परफॉर्मेंस काफी उम्दा लगी जैसे, थिएटर ग्रुप वाला नाटक जिसमें महिलाओं की माहवारी चक्र से जुड़े इशू को दिखाया गया था, रूबी का गाया गीत (सँवार लूँ, हाए सँवार लूँ) और उमा जी की मंज़िल के बारे में खूबसूरत कविता।
3. नंदिता श्रीवास्तव (20 साल): मुझे सभी परफॉर्मेंस बहुत उम्दा लगी और मैंने सबका खूब आनंद लिया।      
4. हेमा सिंह (28 साल): मुझे सांस्कृतिक नृत्य बहुत पसंद आया उसमें हमारे देश की संस्कृति की झलक थी। 
5. कृतिका सिंह (22 साल): मुझे सोनिया दीदी की परफॉर्मेंस बहुत सुंदर लगी। साथ ही, नंदिता ने जो गाने का मैश-अप करके अपना टैलेंट दिखाया वो भी बहुत मज़ेदार था। 

6. पुष्पा गुप्ता (33 साल): MGT एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ छात्र अपना टैलेंट दिखाते हैं और उसकी वजह से उनमें आत्मविश्वास आता है। इसके लिए छात्रों को प्रैक्टिस करनी होती है अपने आपको प्रजेंट करने के लिए। इसके ज़रिए हम यह सीखते हैं कि हर काम के लिए कितनी मेहनत, कोआर्डिनेशन और मैनेजमेंट की ज़रूरत होती है।

इस बार हमने वर्चुअल इवेंट सेलिब्रेट किया। ऑफलाइन में तो हम पार्टिसिपेट करते ही थे, मगर पहली बार हमने ऑनलाइन में भी किया और हमें बहुत मजा आया। इसके ज़रिए हमने टेक्निकल चीजें भी सीखी और जाना कि कैसे हम ऑनलाइन में अपने आप को प्रजेंट कर सकते हैं। अब हमें ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों में परफॉर्म करने का अनुभव हो गया है। एक दूसरे का टैलेंट देख कर खूब वाकई खूब मज़ा आया।

मेरे लिए इस बार की सबसे अच्छी परफॉर्मेंस, कत्थक, संगीत, एंकरिंग, और थिएटर रही और मुझे बहुत मज़ा आया।

इस बार के ऑनलाइन MGT के ज़रिए मैंने कई चीजें सीखीं। मैंने सीखा कि अगर कोई काम मेरे ज़िम्मे है, तो सबसे पहले उस काम की एक रूपरेखा बनाकर देखूं कि मैं उस काम को कितने बेहतर तरीके से कर सकता हूँ। मैंने ठीक ऐसा ही किया और पूरा एक स्ट्रक्चर तैयार किया, टाइम और डेट के साथ और वह स्ट्रक्चर मेरे लिए काफी मददगार साबित हुआ। इसकी वजह से, मुझे किसी तरह का कोई मानसिक दबाव महसूस नहीं हुआ। इस पूरे कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए मुझे कुछ टीम सदस्य जैसे पुष्पा, अनिल भैया व कुछ छात्रों ने भी मदद की।

26 जनवरी 2021 के दिन के लिए, MGT की सारी तैयारियाँ पूरी हो चुकी थी और सभी लोग इसके लिए काफ़ी उत्सुक थे। इसी बीच, दिल्ली में किसान बिल के आंदोलन के चलते पूरी दिल्ली में इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया गया था। इसकी वजह से हम लोगों ने फैसला लिया कि MGT अगले हफ़्ते तक के लिए टाल दिया जाए। इस हफ़्ते भर के गैप की वजह से, हमें अपनी तैयारी को बेहतर करने का थोड़ा और वक़्त मिल गया था। इसका परिणाम बहुत बढ़िया रहा और सभी दर्शकों ने इस आयोजन का भरपूर आनंद लिया।  

मैं शुक्रगुजार हूँ उन सभी परफॉर्मर्स का जिन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उन सभी दर्शकों का जिन्होंने सभी कलाकारों की सराहना की और उनका मनोबल बढ़ाया।


विकास जैजानिया द्वारा लिखित (NL Team Member)
विपिन गौर द्वारा एडिटेड (NL Team Member)

No comments:

Post a Comment