Wednesday, June 30, 2021

One Year of Virtual Manzil

This edition of our newsletter comes at a time when the whole country is recovering from the second wave of COVID-19 and in fear of the predicted third wave. The helplessness and the fear of losing near and dear ones during this pandemic has been a constant alive feeling for most of us.  

Manzillions’ Fight against Second Wave


As Anisha, our core team member rightly said, “During difficult times we see both good and bad sides of people and during this COVID crisis Manzillions have exhibited the best of the virtues that make them a true Manzillion.”

किस्सा क्लास का 

Manzil has multiple classes such as dance, Kathak, Theater, Guitar, English, Maths and Science, Music, etc. These classes have their own uniqueness. 

A notice can change your life

Notice Board Before Covid at Manzil

Notice Board, you may have heard this word many times in school and colleges or other government places. 

Manzil Got Talent: An online talent show


मंज़िल संस्था विश्वास रखती है अनुभव देने के साथ-साथ, सीखने और सिखाने में। जब से हमारे जीवन में कोरोना नाम के इस नए मेहमान ने जगह बनाई है, इसनें हमें चुनौतियों के हल ढूँढने वाले नए-नए अविष्कार करना सीखा दिया है।  

Manzil Admissions Reshaped

“Manzil provides anyone the opportunity to become a Manzillion and be responsible for their own learning by taking admission in any class of interest.

इंदिरा आंटी: ज़िन्दगी के कुछ अनकहे पेहलू

                      "न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है, तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है।"

आज हम मंज़िल की एक ऐसी स्टूडेंट के बारे में बात करेंगे जिन्हें देखकर लगता है कि निदा फ़ाज़ली साहब ने यह शेर जैसे उनके लिए ही लिखा हो। साथ ही, हम जानेंगे कि उनकी जिंदगी में ऐसा क्या है जो उन्हें एक मुसाफ़िर की तरह बिना रुके, बिना थके, चलते रहने और सीखते रहने की ऊर्जा देता है. 

Photography by Manzillions


Clicked by Amit_20_Flimmaking Student

मैं और मेरी टीम ड्रामेबाज़ उदयपुर मे कम्युनिकेशन की वर्कशॉप अटेंड करने गये थे तो वहा के जो फेसिलिटेटर उन्होंने एक टास्क दिया था की हम लोग कैसे और लोगो को कम्युनिकेट कर सकते हैं, कैसे अपनी बाते समजा सकते हैं, सारा टाइम मेरे दिमाग़ मे वही चल रहा था, की हम कैसे प्रेजेंट करेंगे अपने टास्क को, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था किया करू कोई आइडिया भी नहीं आ रहा था क्यूँकि मैं टास्क को लेकर बहूत परेशान हो रहा था।

Sketches by Manzillions

Painted by Dipanshu_13y_English Mini

Poems by Manzillions

         टीचर
टीचर होती एक परी, 
बगिया जैसे हरी भरी,