Friday, February 13, 2015

Beyond Manzil



Beyond Manzil

Taking class beyond the classroom, Manzil yet again set out on its journey of new explorations. Beyond Manzil is all about sharing things our kids learn beyond classroom and our offered programs. Through this column we are sharing with you all a few snippets from this journey.

From being active on stage to solving maths problem, Manzillions have taken each and every challenge thrown at them. We at Manzil acknowledge that everyone has talent and needs nurturing. Manzil Got Talent was one such platform organized in the month of December celebrating the budding talents at Manzil. It was an evening studded with various dance performances, film screening, theatrical plays, all of them executed by our very own budding Manzillions. The performances carried freshness and simplicity of amateur artists adding a unique charm to the day!

Meanwhile in the classes, we realized our students under perform in mathematics. The problem was not just in the logic being unclear, but also their zeal to set goals and achieve them. Killing two birds with one, we piloted Udaan, an individual goal setting and assessment file for each child, which would focus on needs, goals and action needed specific to each student. It forces the students to think about how they'll like their future and then act accordingly.

To take another step at motivating students to pushing their boundaries, an initiative of Sikho Sikhao has been taken up. Here, Manzil derives its strength from the peer-learning culture it has been able to develop. The notice announces two columns, Sikho( to learn) and Sikhao ( to teach) Students who wish to learn something sign up under Sikho and those who wish to offer what they know sign up under Sikhao. The vision is to create a space for Manzillions to take initiatives and share their skills, learning and experience with their peers and at the same time develop in them self-motivation to learn new ideas, skills.

As a tree is known by its fruits, we would like to share some instances where Manzil has been done proud by its students. In search for training par excellence Vijay, one of our dance student-teacher who received a 100 Percent scholarship to attend a 3 month long workshop at The Ministry of Dance, Melbourne. He has come back with learning not only specialized dance skills but ways of life making him a life - long achiever.

 (Sanchi Chandna)

Manzil’s Got Talent



Manzil’s Got Talent


मंजिल गॉट टैलेंट की कहानियों ने मंजिल कि कितनी प्रतिभाओ को बाहर निकाला और उन्हें मोका दिया अपनी रंगीन ज़िन्दगी के पन्नों को और लोगों के साथ साँझा करने का | कुछ लोग रंगीन पन्नों की तरह मंजिल में आते है और यहाँ आ के अपने पन्नों में वो रंग ले जाते है जो उन्हें चाहिए और कुछ लोग ऐसे भी आते है जो कोरे पन्नों जैसे होते है और अपनी पसंद का रंग अपने ज़िन्दगी रूपी पन्नों में खुद भर लेते है | मंजिल गॉट टैलेंट कुछ ऐसे ही पन्नों और रंगों का डब्बा है जो हर बार एक नए पन्ने और रंग के साथ आता है |

आज के मंजिल गॉट टैलेंट के डब्बे की कहानी हमारे सबसे अनूठे पन्ने आमिर खान की है | अंग्रेजी के प्रति प्यार आमिर को मंजिल लाया | कोई कैसे भूल सकता है आमिर का वो पहला दिन मंजिल में जब वो भरा हुआ था सवालों से और उस जिज्ञासा में की एक एसी जगह है इस दुनिया में जहाँ अलग-अलग तरह के रंगों को सहराया जाता है | कुछ ही समय बाद आमिर ने मंजिल की फिल्म मेकिंग क्लास में दाखिला लिया और उसमें आने के बाद ही उसको अपनी सही मंजिल का पता चला | एक सफल फ़िल्मकार बनना ही आमिर का उदेश्य है और उसके लिए आमिर हर वो शिक्षा ले रहा है जो उसे एक फ़िल्मकार बना सके साथ ही साथ आमिर हर वो कोशिश कर रहा है अपने कोशल को और निखारने की जो उसको अपनी मंजिल के और करीब ले जा सके | महज़ दो साल में आमिर ने तीन जगहों से फिल्म मेकिंग एवं विजुवाल डॉक्यूमेंटेशन का कोर्स कर हाल ही मे मंजिल मसस्टिक्स (मंजिल का म्यूजिक बैंड) में बतोर फिल्मकार जुड़ा है |  

आमिर की प्रतिभाओ के रंग सिर्फ फिल्म मेकिंग तक ही सिमित नहीं है | आमिर को अच्छा लगता है निर्जीव वस्तुओं मे जान डालने का और साथ ही साथ आमिर का मानना ये भी है कि वो अपनी भावनाओं को रंगों के ज़रिये ज्यादा बेहतर से वियक्त कर सकता है | T-shirt से लेकर हेलमेट तक और दीवारों से लेकर जूतों तक आमिर के टैलेंट का डब्बा हर जगह खुला है और हमारे इस मंजिल के पन्ने के इस रंग के ज़रिये खूब वाह-वाही बटोरी है | 

हाल ही में अपने सपनों को और ऊँची उड़ान देने के लिए आमिर ने ये संकल्प लिया है के वो अपने रंगों की और कैमरे की कोशलता को इस्तेमाल करते हुए अगले 1 साल के अंदर-अंदर 1 अच्छा DSLR कैमरा लेगा जिसको लेने के लिए आमिर हर वो कोशिश कर रहा है जो उसको उसकी मंजिल तक पहुचा सके | आमिर दावा करता है कि वो T-shirt, हेलमेट, दिवार, कागज़, जूतों या किसी भी चीज़ में एसे रंग भर सकता है जो उसको सजीव बना दे | कुछ हमारे ही साथी जैसे The Cafe Life, Tech Mahindra Foundation, अनन्या, अनुराग और कई और दोस्तों ने आमिर के रंगों को करीब से समझा और उसको कुछ प्रोजैक्ट दिए जिसके ज़रिये आमिर अपनी उड़ान को सहारा दे पाया अपनी मंजिल तक पहुचने के लिए | आज-कल आमिर AIF नामक संस्थान के लिए एक विडियो बना रहा है जिसके ज़रिये वो अपने रंग रूपी प्रतिभा को और लोगों तक पहुचा सके |

(Anurag Hoon)

Thursday, February 12, 2015

नवीनता



नवीनता

Photo by Anurag Hoon
नव संध्या लेकर आति नित नव उमंग
लेकर प्रकाश उड़ रही गगन में रवि पतंग
जो नित नव हो वो ही रहते नित इस जग में
जैसे प्रकाश, सरिता में बैहती जल तरंग |

सरकारी इमारत की छत पर कूदते बंदरों कों देखकर अचानक ये याद आ गया कि वे हमारे पूर्वज है| उसे ध्यान से देखते-देखते न जाने कितनी ही तुलनाए मैंने अपने और उसके बीच कर डाली और ये जान पाई कि विकास ने मुझे आसमान की छत से लाकर घर की छत के नीचे ला पटका है, चार पैरों से दो पैरों पर खड़ा कर दिया और तो और वो शरीर जो बालों से ढका था अब कपड़ो से ढक गया है| कितने प्रयासों और नए विचारों के बाद हम आज आधुनिक मानवबन पाए है| नए दिन की नवीनता के साथ एक नई सोच नया प्रयास और नए प्रयोग ही एक नई खोज कर पाते है जो एक नई पीड़ी और नई विचारधारा कों जन्म देते है|

मैंने अपने आस-पास देखा तो पाया कि जिस प्रकृति का हम हिस्सा है वो स्वंय परिवर्तनशील है| नदी का पानी, पेड़ों के पत्ते, जीव जन्तु, सूर्य का प्रकाश कुछ भी देखें तो दिमाग में रोज़ एक नया विचार, रोज नए विकास और शरीर के अन्त होने तक कुछ न कुछ नया होता ही रहता है| वाह! सोच कर ही लगता है जैसे मज़ा आ गया|

कैसा हो अगर नई सुबह ही न हो, नदी का पानी अपनी जगह पर रुक जाए न जीवन में कुछ नया हो न पुराना बस बिना स्वाद के खाने सा हम इसे गले से  नीचे उतारते जा रहें हों| हमारे नए प्रयासों के असंभावित परिणामों के रोमांच से ही जीवन में रंग भरता है| जाने क्या होगा, कैसा होगा कब होगा इन सब चीजों के बारे में सोचते हुए कुछ करना, थोड़ी सी आशा और थोडा सा भय और बहुत सारा रोमांच| ऐसा नहीं लगता कि ये किसी फिल्म कि कहानी की बात हो रही हो? पर ये हम सब की कहानी है | नवीनता से भरी रोज नए लोगों से मिलती रोज़ नए खुआब देखती, रोज़ नए प्रयास करती हालांकि नए प्रयासों के साथ ही उनके असफल होने का डर भी होता है पर सूख जाने के डर से फूल खिलना नहीं छोड़ते, जल जाने के डर से पतंगा प्रकाश कों नहीं छोड़ता और न ही प्यासे मर जाने के डर से चातक बारिश की बाट देखना नहीं छोड़ता | तो क्यों न आज से ही कुछ नया सोचें और करे बिना डरें, क्योकि लहरों कि कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती |

 (Neeti Pandey)

Gratitude Note



Gratitude Note


एक स्वावलंबी नारी  की पहचान है ये
बारीकी से सुनने ओर समझने में माहिर है ये,

सीखाती है जी जान से
जिंदगी जीती है ये शान से,

मन मोती जैसा सुंदर है
और नृत्य तो अति सुंदर है,

अभिव्यक्ति की रानी है जो
बच्चो के दिल को भाँति है वो,

प्रेम की जोत जलाती है मन में
ज़िंदगी जीना सीखाती है हमें,

दीप्ती हे उनका नाम
जिनकी कृतज्ञता की रोशनी जगमगाती हे हमारे मन में!

(Uma Rawat)